Friday, November 11, 2011

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कृपया ध्यान दें: यह मेरा हिन्दी लेख में प्रथम प्रयास है|

आँखों में अब भी
गुज़रे कल का धुंआ है,
दुआ के अल्फाज़ों में
बस नाम तेरा है|

लकीरों का क्या है
आज यहाँ हैं कल कहाँ हैं,
रास्तों का क्या है
जहाँ क़दम चल दिए वही राह है|

ज़िन्दगी वहीँ है
तू जहाँ है,
तेरा साथ हो
तो तनहाई भी कारवाँ है|


© 2011 Neha Choudhry

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